पंजाबियों का तो मकर संक्रांति हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। इस बार इन दोनों ही त्योहारों की तारीखों को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है। आमतौर पर लोहड़ी का पर्व 13 जनवरी तो मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है। लेकिन इस बार सूर्य का गोचर 15 जनवरी को मकर राशि में होने के कारण 15 को मकर संक्रांति तो 14 जनवरी को लोहड़ी मनाई जायेगी। तो वहीं कुछ लोग 13 जनवरी को ही लोहड़ी और 14 को मकर संक्रांति मनायेंगे।
सूर्य देव 15 जनवरी रात 2 बजकर आठ मिनट पर उत्तरायण होंगे यानि सूर्य चाल बदलकर धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। यही वजह है कि सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने का पर्व संक्रांति का पुण्य काल 15 जनवरी को सर्वाथ सिद्धि व रवि,कुमार योग का संयोग भी रहेगा। ज्योतिषाचार्य शोनू मेल्होत्रा ने बताया कि इस बार संक्रांति का वाहन गर्दभ होगा। संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी बुधवार के दिन भर दान-पुण्य और स्नान किया जा सकेगा। मकर राशि में प्रवेश करते ही सूर्यदेव उत्तरायण हो जाएंगे। दिन भी बड़े होने लगेंगे। इसके साथ ही धनु मलमास भी समाप्त हो जाएगा और मांगलिक कार्य शुरू होंगे।

मकर संक्रांति पुण्य काल
सुबह 7 बजकर 15 मिनट से प्रारंभ होकर शाम 5 बजकर 46 मिनट तक है। पुण्य काल का कुल समय 10 घंटे 31 मिनट है।
मकर संक्रांति महा पुण्य काल
सुबह 7 बजकर 15 मिनट से सुबह 9 बजे तक है। महा पुण्य काल का कुल समय 1 घंटा 45 मिनट है।
इस समय में मनाएं मकर संक्रांति
मकर संक्रांति के प्रारंभ समय से लेकर 20 घटी (8 घण्टा) पूर्व और 20 घटी (8 घण्टा) बाद तक पुण्य काल होता है। पुण्य काल और महा पुण्य काल में ही मकर संक्रांति मनाई जाती है।