राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किए पूर्व आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी और कांग्रेस नेता सदफ जफर को मंगलवार को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
लखनऊ: राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किए पूर्व आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी और कांग्रेस नेता सदफ जफर को मंगलवार को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
सीएम योगी को धन्यवाद- सदफ जफर
जेल से रिहा होते ही कांग्रेस नेता सदफ जफर ने कहा कि हम नागरिकता संशोधन कानून का तब तक विरोध करते रहेंगे, जब तक सरकार इसे वापस न ले ले। उन्होंने कहा कि, जेल जाने का डर अब हमारे दिल से निकल गया है। इसके लिए सीएम योगी को धन्यवाद।
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पुलिसकर्मियों ने मुझे लात मारी- सदफ जफर
उन्होंने कहा कि, हम नागरिकता कानून के खिलाफ शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे, जो कि संवैधानिक है। उन्होंने कहा कि, यागी सरकार अमानवीय है। यह हिंदू और मुसलमानों के बीच फूट पैदा करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने बताया कि, मुझे बेरहमी से पीटा गया। यहां तक कि पुरुष पुलिस वालों ने भी मुझे पीटा और पुलिसकर्मियों ने मुझे लात मारी।
दारापुरी ने यूपी पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
वहीं दूसरी ओर एसआर दारापुरी ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि, हिंसा के दौरान मैं घर में नजरबंद था। इसके बावजूद मुझे गिरफ्तार कर लिया गया और मुझे खाना नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि, मुझे ठंड लग रही थी, मैंने कंबल मांगी, लेकिन पुलिस ने मना कर दिया।
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मुझे बिना किसी वजह फंसाया गया- दारापुरी
दारापुरी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि, मुझे गिरफ्तार करने की कोई वजह नहीं थी। लेकिन मुझ पर सोशल मीडिया पर सीएए के खिलाफ पोस्ट करने और लोगों को भड़काने का आरोप लगाया गया, जो कि बिल्कुल गलत है। उन्होंने बताया कि, कई निर्दोष लोगों को फंसाया गया और बेरहमी से पीटा गया।
दारापुरी ने हुई हिंसा का आरोप आरएसएस और बीजेपी पर लगाते हुए कहा कि, हिंसा के लिए आरएसएस और बीजेपी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि, हमारी आवाज को खारिज नहीं किया जा सकता, हम नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध जारी रखेंगे।
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